2019 के सबसे बढ़िया म्युचुअल फंड

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म्युचुअल फंड कई इन्वेस्टर्स के लिए इसके लाभों के कारण इन्वेस्टमेंट का एक बहुत लोकप्रिय ऑप्शन बन गया है। म्युचुअल फंड इन्वेस्टर्स को मार्किट–लिंक्ड रिटर्न, एसेट्स एलोकेशन के जोख़िम को बांटने, एसआईपी के माध्यम से आसानी से ख़रीदने और लिक्विडिटी में आसानी से बदलने की अनुमति देते हैं। इन लाभों और आकर्षक रिटर्न की संभावनाओं को देखते हुए, इन्वेस्टर्स अपनी डिस्पोजेबल सेविंग को म्यूचुअल फंड में निवेश करने का विकल्प चुनते हैं।

 

म्यूचुअल फंड कई अलग-अलग किस्म के आते हैं और जब बात सबसे अच्छा फंड चुनने की आती है, तो इन्वेस्टर अक्सर कंफ्यूज़ हो जाते हैं। क्योंकि इतने सारे विकल्प उपलब्ध हैं, जो उन्हें कन्फ्यूज़ सकते हैं! हालांकि, म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश करते समय फंड की रिस्क प्रोफाइल और उसकी विशेषता का अंदाजा लगाना चाहिए ताकि फंड आपकी उम्मीदों के मुताबिक काम करे। म्यूचुअल फंड्स को विभिन्न प्रकार के डिज़ाइनों में तैयार किया गया है ताकि वे विभिन्न इन्वेस्टर्स की इन्वेटमेंट की ज़रूरतों को पूरा कर सकें और इसलिए, म्यूचुअल फंड का चयन सावधानीपूर्वक विचार करके किया जाना चाहिए।

 

यहाँ कुछ सबसे लोकप्रिय प्रकार की म्युचुअल फंड स्कीमों के बारे में चर्चा की गई हैं और कौन सी स्कीम किस इन्वेस्टर के लिए सही है, इसका विश्लेषण भी किया गया है-

 

म्यूचुअल फंड स्कीमों के प्रकार

 

  • इक्विटी म्यूचुअल फंड

ये, शायद म्यूचुअल फंड की सबसे लोकप्रिय स्कीम है जो इक्विटी मार्केट में इन्वेस्ट करती हैं। स्कीम के पोर्टफोलियो का कम से कम 65% हिस्सा इक्विटी और इक्विटी ओरिएंटेड सिक्योरिटीज में लगाया जाता है। इक्विटी म्यूचुअल फंड बहुत अधिक इन्वेटमेंट रिस्क लेते हैं क्योंकि इक्विटी मार्किट स्टेबल नहीं होता  है। यदि बाज़ार में तेज़ी आती है, तो रिटर्न अच्छा होता है और यदि बाज़ार में गिरावट आती है, तो इन्वेस्टर्स को नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। जबकि वहीं दूसरी ओर, इक्विटी फंड बहुत अच्छे रिटर्न का वादा भी करते हैं।

 

  • इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस)

ईएलएसएस केवल एक प्रकार का इक्विटी म्यूचुअल फंड है, लेकिन इसे अलग-अलग टैक्स बेनिफिट्स जो इस फंड के पास है के कारण इसे भी लिस्ट में शामिल किया जाता है। ईएलएसएस फंडों में निवेश को सेक्शन 80 सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक टैक्स फ्री की अनुमति है। इसके अलावा, ईएलएसएस निवेश में 3 साल की लॉक-इन पीरियड भी होता है। ईएलएसएस स्कीमों में किए गए निवेश को 3 साल पूरा होने से पहले कैश नहीं जा सकता। इसलिए इसमें रिस्क और रिटर्न दोनों अधिक है क्योंकि ये एक इक्विटी स्कीम है ।

 

  • डेट फंड

स्पेक्ट्रम के एक कोने पर इक्विटी फंड्स हैं जबकि दूसरे कोने पर डेट फंड हैं। डेट फंड अपनी प्रॉपर्टी का कम से कम 65% फिक्स्ड इनकम अर्निंग के ऑप्शन में इन्वेस्ट करते हैं। चूंकि पोर्टफोलियो को फिक्स्ड इनकम के ऑप्शन में इन्वेस्ट किया जाता है, इसलिए  डेट फंडों में जोखिम बहुत कम होता है और रिटर्न भी कम होता है। गिरते बाजार में इक्विटी की तुलना में डेट फंड बाजार की गिरावट से प्रभावित नहीं होते हैं और अच्छा रिटर्न देते हैं।

 

  • बैलेंस फंड

बैलेंस्ड फंड इक्विटी और डेट इन्वेस्टमेंट का मिश्रण हैं। लगभग 60% से 65% फंड इक्विटी में और बाकी डेट में इन्वेस्ट किया जाता है। एक ऑप्शन के रूप से, डेट–नेचर वाले बैलेंस फंडों में, 65% डेट में निवेश किया जाता है और बाकी राशि इक्विटी में। बैलेंस्ड फंड मीडियम रिटर्न देते हैं और इनका इन्वेस्टमेंट रिस्क भी मीडियम होता है क्योंकि इक्विटी और डेट दोनों बैलेंस होते हैं और एक दूसरे से संतुलन बनाए हुए होते हैं।

 

  • लिक्विड फंड

लिक्विड म्यूचुअल फंड एक प्रकार के डेट फंड हैं जो तुरंत लिक्विडिटी का वादा करते हैं। ये फंड्स सरप्लस कैश के इन्वेस्टमेंट के लिए सही होते हैं। इनका रिटर्न कम होता है लेकिन बैंक सेविंग एकाउंट में किये गए रिटर्न के वादे से अधिक।

 

अलग-अलग तरह के इन्वेस्टर्स के लिए अलग-अलग तरह के फंड जो उनके लिए एक बढ़िया ऑप्शन हैं

 

म्यूचुअल फंड के प्रकार

लक्षण के लिए अनुकूल
इक्विटी म्यूचुअल फंड ज़्यादा जोखिम ज़्यादा मुनाफ़ा रिस्क लेने वाले इन्वेस्टर्स जो बाज़ार का रिस्क लेने को तैयार रहते हैं और साथ ही जो हाई रिटर्न की तलाश में हैं। इक्विटी फंड उन यूथ इन्वेस्टर्स को समझ आता है जिनके पास निवेश करने की दूरदर्शिता अधिक है और वे रिस्क लें सकते हैं
ईएलएसएस  (ELSS) हाई रिस्क-हाई रिटर्न, टैक्स सेविंग रिस्क लेने को तैयार वो इन्वेस्टर्स जो टैक्स सेविंग की कोशिश कर रहे हैं
डेट म्यूचुअल फंड लेस रिस्क, लेस रिटर्न रिस्क से बचने वाले इन्वेस्टर्स जो अपना इनवेस्टेड कैपिटल खोना नहीं चाहते हैं और जो कम रिटर्न से खुश हैं। उनके लिए डेट फंड भी सही ऑप्शन होता है यदि शेयर बाजार ज़्यादा अनस्टेबल है या लगातार गिर रहा है तो भी।
बैलेंस म्यूचुअल फंड मीडियम रिस्क मीडियम रिटर्न मीडियम लेवल के इन्वेस्टर जो नपा-तुला रिस्क लेना पसंद करते हैं और मीडियम रिटर्न की उम्मीद करते हैं
लिक्विड फंड लो रिस्क. लो रिटर्न, आसानी से कैश में बदलने का ऑप्शन शॉर्ट टर्म इन्वेस्टमेंट का प्लान करने वाले इन्वेस्टर्स। यह फंड उन लोगों के लिए एक बढ़िया ऑप्शन है जो अपने सरप्लस फंड को कम समय के लिए इन्वेस्ट करना चाहते हैं

 

इसलिए, म्यूचुअल फंड स्कीमों के प्रकार और प्रत्येक प्रकार की विशेषता को अलग-अलग इन्वेटमेंट की जरूरतों के हिसाब से समझें। जब आप अपने इन्वेस्टमेंट टारगेट्स को ध्यान में रखकर उसकी विशेषता के आधार पर म्यूचुअल फंड को चुनते हैं, तो आप साल के सर्वश्रेष्ठ म्यूचुअल फंड चुन सकते हैं।

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