नियम व शर्ते जो आपको अपने ग्राहकों को बतानी चाहिए

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बाकी विकासशील देशों की तुलना में भारत में इंश्योरेंस की समझ सबसे कम 3.69% है। इसलिए, इस क्षेत्र में बहुत कुछ इस सच के साथ करना पड़ता है कि इंश्योरेंस पॉलिसियों को समझने के लिए थोड़े बहुत तकनीकी ज्ञान या इंश्योरेंस से जुड़ी बुनियादी समझ की ज़रूरत होती है। हालांकि कुछ संभावित ग्राहक इंश्योरेंस और उनसे जुड़ी जानकारी को समझने की कोशिश करने की पीड़ा बर्दाश्त कर सकते हैं, बाकी लोग इस तरह की जानकारी के लिए विशेषज्ञों पर भरोसा करते हैं। और यही वो मौका है जहाँ आप जैसे इंश्योरेंस ऐडवाइज़र की ज़रूरत पड़ती है।

संभावित ग्राहकों का मानना होता है कि इंश्योरेंस ऐडवाइज़र न केवल उनकी मदद सही इंश्योरेंस पॉलिसी का चुनाव करने में कर पाएंगे, बल्कि इंश्योरेंस के कुछ बुनियादी ज्ञान और इंश्योरेंस पॉलिसी कैसे काम करती हैं, ये समझने में भी उनकी सहायता करेंगे। इस प्रकार, इंश्योरेंस ऐडवाइजर्स को अपने संभावित ग्राहकों को तकनीकी जानकारी समझाने के लिए अपना समय देना चाहिए। लेकिन आपको तकनीकी जानकारी देने के दौरान ज़रूरी सावधानी बरतनी चाहिए। उसमें किसी तरह का मॉडरेशन यानी सही जानकारी में हेरफेर नहीं करना चाहिए, अपने संभावित ग्राहकों को सही जानकारी दें, इससे वे आपसे पूरी तरह से खुश हो सकते हैं जबकि बहुत कम जानकारी देना आपका नुकसान हो सकता है।

एक इंश्योरेंस स्पेशलिस्ट के तौर पर, आपके ग्राहकों को इंश्योरेंस से जुड़ी तकनीकी जानकारी, जिस ओर आमतौर पर किसी का ध्यान नहीं जाता है या जिसे अक्सर अनदेखा किया जाता है, देना आपकी जिम्मेदारी है। ऐसी पहल आपको अपने ग्राहकों से संबंध स्थापित करने में और आपको उनके साथ एक भरोसेमंद रिश्ता बनाने में मदद करेगी। यहाँ नीचे कुछ विशेष नियम बताए गए हैं, जिन्हें आपको अपने संभावित ग्राहकों को समझाना होगा।

  1. सम एश्योर्ड

इंश्योरेंस प्रोडक्ट जो आमतौर पर हर्जाने के रूप पर काम करते हैं, जिसे ग्राहक को पॉलिसी लेने के दौरान सम इंश्योर्ड के रूप में समझ आएगा। हर्जाना और कुछ नहीं है, बल्कि एक पार्टी का किसी अन्य पार्टी द्वारा किए गए नुकसान के कारण दिया जाना वाला मुआवजा होता है। ये ज्यादातर नॉन-लाइफ़ इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स जैसे मोटर इंश्योरेंस या हेल्थ इंश्योरेंस या होम इंश्योरेंस पर लागू होता है। हर्जाना तो बस हर्जाना होता है जिसे एक इंश्योरेंस कंपनी को इंश्योरेंस होल्डर को नुकसान या चोट लगने पर भुगतान करना होगा। यदि कोई पॉलिसी होल्डर रु 5,00,000 का सम एश्योर्ड लेता है, तो इंश्योरेंस कंपनी सिर्फ उतती ही राशि के भुगतान करने के लिए जिम्मेदार होती है। बाकी किसी भी तरह के अतिरिक्त राशि के ख़र्च को पॉलिसी होल्डर द्वारा खुद बर्दाश्त किया जाना चाहिए।

  1. सम एश्योर्ड

“सम एश्योर्ड” शब्द आमतौर पर लाइफ़ इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स के लिए इस्तेमाल में आते हैं। ये पहले से तय एक राशि होती है जो इंश्योरेंस कंपनी पॉलिसी होल्डर्स या उनके नॉमिनी को किसी विशेष घटना, जिसके लिए इंश्योरेंस होल्डर ने पॉलिसी खरीदी है, होने पर भुगतान करेगी। उदाहरण के लिए, यदि कोई पॉलिसी होल्डर एक टर्म लाइफ़ इंश्योरेंस खरीदता है जिसका सम एश्योर्ड- रु 75,00,000, है तो उसकी मृत्यु होने पर, इंश्योरेंस कंपनी बिना किसी प्रश्न के उसके नॉमिनी को रु 75,00,000 का भुगतान करेगी।

  1. इन्कर्ड क्लेम रेशियो

जनरल इंश्योरेंस और हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों के लिए अनुमानित दावा अनुपात यानी (इन्कर्ड क्लेम रेशियो) एक उचित व्यवस्था है। इनकी संख्या इंश्योरेंस कंपनियों पर किये गए क्लेम्स की कुल संख्या बनाम इंश्योरेंस कंपनियों को भुगतान किए गए कुल प्रीमियमों की संख्या को दर्शाती है। उदाहरण के लिए, यदि कोई इंश्योरेंस कंपनी रु 100 करोड़ के प्रीमियम में से 75 करोड़ का भुगतान बतौर क्लेम करती है जो कि उसे प्रीमियम के रूप में प्राप्त होता है, तो उसका आईसीआर (इन्कर्ड क्लेम रेशियो)- 75% होगा।

  1. क्लेम सेटेलमेंट रेशियो

दावा निपटान अनुपात यानी (क्लेम सेटेलमेंट रेशियो) ये ऐसे मामलों की कुल संख्या को दर्शाता जो एक इंश्योरेंस कंपनी को कुल क्लेम्स के तौर पर प्राप्त होते हैं एवं जिनकी तुलना में उसने कितने मामलों का निपटारा किया था। उदाहारण के लिए, यदि कोई इंश्योरेंस कंपनी प्राप्त 100 क्लेम्स में से 85 का निपटारा करती है, तो उसका सीएसआर (क्लेम सेटेलमेंट रेशियो) 85% होगा।

अंतर

सम एश्योर्ड और सम इंश्योर्ड के बीच का बड़ा अंतर ये है कि इंश्योरेंस कंपनी उस नुकसान के लिए तय किए गए सम एश्योर्ड का भुगतान करने के लिए जिम्मेदार है जो किसी पॉलिसी होल्डर को होता है। हालांकि, सम इंश्योर्ड केवल नुकसान के उस हिस्से तक की भरपाई करता है जो नुकसान सही में किसी पॉलिसी होल्डर का होता है।

और जहाँ तक ये दावा किया गया है कि रेशियो और क्लेम सेटेलमेंट रेशियो का आपस में संबंध है, एक ग्राहक को हाईअस्ट सीएसआर वाली इंश्योरेंस कंपनी से पॉलिसी लेनी चाहिए। दूसरी ओर, एक हाईअस्ट आईसीआर के साथ व्यापार करना, व्यवसाय के लिए नुकसानदायक भी होता है। ये एक ऐसी स्थिति होती है जहाँ एक इंश्योरेंस ऐडवाइज़र अपने ज्ञान से ग्राहकों को सही पॉलिसी का चुनाव करने में मदद कर सकता है।

इन तकनीकी शब्दों की साधारण तरीके से व्याख्या करने से आपको अपने ग्राहकों का विश्वास हासिल करने और उनके साथ अच्छे संबंध बनाने के एक विकल्प खोजने में मदद मिलेगी। बदले में, ये आपके व्यवसाय को लंबी अवधि में व्यापार बढ़ाने में मदद करेगा।

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